भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचन्द्र के काज संवारे।। दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥ स्तवं यः प्रभाते नरः शूलपाणे पठेत् सर्वदा भर्गभावानुरक्तः । तुलसीदास सदा हरि चेरा। कीजै नाथ हृदय महं डेरा।। भगवान शिव का प्रिय फूल कनेर का पुष्प माना जाता है, मान्यता है https://garrettyocvu.wikibuysell.com/942469/rumored_buzz_on_shiv_chalisa_lyrics_in_hindi