भावार्थ – हे हनुमान जी ! यदि कोई मन, कर्म और वाणीद्वारा आपका (सच्चे हृदय से) ध्यान करे तो निश्चय ही आप उसे सारे संकटों से छुटकारा दिला देते हैं। lāyaLāyaBrought sanjīvaniSanjīvaniA everyday living LakhanaLakhanaLakshman, brother of Lord Rama jiyāeJiyāeSaved / revived कुमति निवार सुमति के सङ्गी ॥३॥ कञ्चन बरन https://lechb851ddc7.jts-blog.com/profile